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भारत के पांचवे प्रधान मंत्री किसान मसीहा चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न द्वारा सम्मानित किये जाने का विनम्र निवेदन

  • लेखक की तस्वीर: Shashi Prabha
    Shashi Prabha
  • 25 जन॰ 2024
  • 2 मिनट पठन


श्रद्धेय प्रधान मंत्री श्री मोदी जी करबद्ध निवेदन।


जन नायक स्व. कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित किया जाना हर्ष का विषय है। लेकिन साथ ही किसान, मजदूर मसीहा, सघन खेती की वकालत करने वाले एवम् उत्तर प्रदेश में भू सुधार के लिए किए गए भागीरथ प्रयासों को देखते हुए , पूर्व प्रधान मंत्री स्व.चौधरी चरण सिंह जी को भी केंद्रीय सरकार द्वारा  भारत रत्न से सम्मानित किया जाना चाहिए। यह समय की मांग भी है।


भारत के पांचवें प्रधानमंत्री स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह जो जाट पृष्ठभूमि से आते हैं , गांव ,गरीब एवं किसानों की मुखर आवाज थे। उनको ' भारत के किसानों के चैंपियन ' के रूप में जाना जाता है । 

किसान वर्ग की परेशानियों को उन्होंने जिया भी था एवं नजदीक से देखा भी था । चौधरी चरण सिंह ने अपने माता-पिता का आदर्श ' सादा जीवन उच्च विचार'  अपने जीवन में उतारा था । उनके पिता मीर सिंह स्वयं खेती करने वाले काश्तकार , किसान थे । 


अपने प्रधानमंत्री के कार्यकाल में इन्होंने किसानों एवं आम जनता के हित में कई कदम उठाए । अपने संपूर्ण जीवन में इन्होंने किसानो और किसानों के परिवारों के उत्थान के लिए काम किया । 

 गांव की आर्थिक प्रगति के लिए चौधरी साहब लघु एवं विकेंद्रित उद्योगों के पक्षधर थे । कृषि आधारित उद्योगों को प्रोत्साहन देना अति आवश्यक मानते थे । इस बात को आज की केंद्रीय सरकार भी समझती है  एवम् इस हेतु महत्त्व पूर्ण क़दम भी उठा रही है, ऐसा इसलिए की लाखों गरीब किसानो ,कृषि मजदूर एवं ग्रामीण बेरोजगारों की आय केवल कृषि आधारित उद्योगों से ही बढ़ सकती है ।वास्तव में चौधरी साहब का यह सोचना आज भी प्रासंगिक है । 


चौधरी साहब ने कभी भी अपने विचारों से समझौता नहीं किया । पंडित जवाहरलाल नेहरू के ' सहकारी खेती ' के विचार का चौधरी चरण सिंह ने खुलकर विरोध किया । उनके अनुसार यह किसान विरोधी था लेकिन सन 1959 में नागपुर अधिवेशन में इस सहकारी खेती वाले प्रस्ताव के पास होने के बावजूद भी पंडित नेहरू इसको लागू करने का साहस नहीं कर पाए थे । चौधरी चरण सिंह को किसी भी रूप में जब-जब सत्ता मिली वह किसानों के उत्थान करने में कभी पीछे नहीं रहे । खेत , खलियान ,किसान और मजदूरों की भलाई के लिए हमेशा काम किया । पूंजी पतियों से हमेशा उनका 36 का आंकड़ा रहा था । वह किसानों के सच्चे हितैषी थे ।         


मेरा मानना है कि ऐसे व्यक्ति को भारत रत्न दिया जाना किसानों का, गांवो का, गरीबों का सम्मान करना होगा । किसान दिल का बहुत भोला होता है ।( विशेष रूप से जाट दिल का बहुत भोला होता है ) किसान से मेरा आशय वास्तविक किसान से है ,मंडी के ठेकेदारों से नहीं । किसान के लिए आवश्यक है कि वह राष्ट्र की मुख्य धारा से जुड़े।मौजूदा केन्द्रीय सरकार किसानो के हित में काम कर रही है।


गलत हाथों में किसान को जाने से बचाना होगा। दिशा हीन नेतृत्व में किसान को जाने से रोकना होगा ।और यह काम केंद्रीय सरकार द्वारा बखूबी किया जा सकता है चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देकर।

धन्यवाद!

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