बेट द्वारका
- Shashi Prabha
- 31 मार्च 2024
- 2 मिनट पठन
अपडेट करने की तारीख: 6 अप्रैल 2024
द्वारिका में शासन के दौरान बेट द्वारिका द्वारकाधीश श्री कृष्ण जी का निवास स्थान था ।और वह द्वारिका से शासन करते थे । बेट द्वारिका ,द्वारिका का ही हिस्सा है जिसको विष्णु के आठवे अवतार भगवान श्री कृष्ण ने बसाया था । लगातार तटीय कटाव के कारण द्वारिका जी का काफी बड़ा क्षेत्र समुद्र में डूब गया है।
बेट शब्द भेंट या उपहार की याद दिलाता है , जो श्री कृष्ण जी के बचपन के सखा सुदामा जी , श्री कृष्ण के लिए लेकर आए थे । सुदामा जी की पत्नी अपनी दरिद्र अवस्था के कारण बड़ी ही परेशान थी ।
सुदामा जी अपनी एवम् भगवान श्री कृष्ण की मित्रता के किस्से अक्सर पत्नी को सुनाया करते थे । तब एक दिन पत्नी ने कहा कि अपने मित्र के पास जाकर सहायता प्राप्त करो ताकि हमारी दरिद्रता समाप्त हो सके । सुदामा जी के पास भेंट करने के लिए कुछ नहीं था ।सुदामा जी अपने दरिद्र अवस्था के कारण भेंट में सिर्फ चावल लेकर आए थे और वह भी उनकी पत्नीने बड़े आग्रह करके दिए थे ।
सुदामा जी संकोच कर रहे थेकि कहां एक और द्वारकाधीश और कहां मेरे मुट्ठी भर चावल यह तुच्छ सी भेंट में उनको कैसे दूंगा । सुदामा जी श्री कृष्ण जी से मिले लेकिन सुदामा जी श्री कृष्ण जी से अपने दरिद्रता दूर करने के लिए सहायता मांगना ही भूल गए । साथ लाई चावल की छोटी सी पोटली की श्री कृष्ण को भेट देने में संकोच महसूस कर रहे थे । वह तो तीन लोकों के स्वामी श्री कृष्ण जी ने देखा और उनसे वह चावल की पोटली बड़ी मनुहार करने के बाद प्राप्त की ,उसमें से मुट्ठी भर चावल खाए और सुदामा जी का भाग्य बदल दिया ।
बेट द्वारका में भगवान श्री कृष्ण का मंदिर है । मंदिर की मूल मूर्ति श्री रुक्मणी जी द्वारा स्थापित की गई बताई जाती है यह मूर्ति द्वारकाधीश मंदिर की मूर्ति से मिलती-जुलती है ।
राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान के समुद्री पुरातत्व ने 1981 -1994 ई.के दौरान इस क्षेत्र में पुरातात्विक खोज की इससे समुद्र में डूबी द्वारिका का अस्तित्व सामने आया जिसमें बड़ी महत्वपूर्ण सामग्रियां , तथ्य , वस्तुएं ,स्थापत्य एवं एक लंबी दीवार का अस्तित्व सामने आया है ।
और अब माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की 'स्कूबा डाइव 'ने लोगों का रोमांच एवं जिज्ञासा को बेट द्वारका के दर्शनों में बहुत बढा दिया है ।
बेट द्वारका तक पहुंचने के लिए सुदर्शन सेतु का निर्माण बड़ा प्रशंसनीय है ।



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