रिश्ता एवम् स्पर्श
- Shashi Prabha
- 8 जन॰ 2022
- 1 मिनट पठन
अपडेट करने की तारीख: 23 जन॰ 2022
स्पर्श आपके रिश्ते की व्याख्या करता है

रिश्ते बनते हैं
तो बिगड़ते क्यों है ?
बिगड़ते हैं ,तो फिर वह रिश्ते नहीं हैं ।
किसी भी रिश्ते की आयु
यह नहीं है
कि वह कितने काल रहा
रिश्ते की गर्माहट बताती है
कि
वह कितना मजबूत रहा।
स्पर्श,
आपके रिश्ते की व्याख्या करता है,गरिमा की, आपके सम्मान की, आपकी भावनाओं की ।
क्या वह कामुकता के समुद्र में
हिलोरे लेने के लिए मचल रहा है?
ऐसा हीन स्पर्श चाहता है
कि घर निर्जन रहे,
ऐसे स्पर्श का,
कोई प्रिय जन नहीं होता
ऐसा स्पर्श, बेशर्म ,बेहया होता है
यह घर की गरिमा ,मान-सम्मान सबको दीमक बन चाट जाता है ।
स्पर्श
आपके रिश्ते की व्याख्या करता है, गरिमा की ,आप के सम्मान की ,आपकी भावनाओं की ।
क्या वह स्वयं "आप "में "आप"को तलाश रहा है
इस स्पर्श को अंधेरा पसंद नहीं है,
अंधेरा चाहे प्रकाश के अभाव का हो या फिर भावनाओं का
या फिर घर में चहचहाने का
यह स्पर्श तो नैतिकता से भरा है ,अपनेपन से भरा है
आत्मविश्वास एवं आत्मसम्मान से लबरेज है ,
यह तो उस लहलहाती फसल की तरह है ,
जो साथ मिलकर ,साथ चलकर ,एक भाव होकर, समर्पण भाव से, "मैं" ,नहीं "तुम"
"मैं "नहीं ,"हम सब "
उगती है , बढ़ती है ,आंधी तूफानों का मुकाबला करती है ,
यह स्पर्श, अकेला नहीं ,एकांत पसंद है
यह आतंक का साया नहीं
यह स्पर्श
गरिमा की ,आप के सम्मान की ,आपकी भावनाओं की ,सुंदर व्याख्या है ।
यही वह स्पर्श है
जिसकी समाज को दरकार है।





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