रुक्मणि देवी मंदिर
- Shashi Prabha
- 31 मार्च 2024
- 1 मिनट पठन
अपडेट करने की तारीख: 6 अप्रैल 2024
रुक्मिणी देवी मंदिर-
यह मंदिर यह मंदिर लगभग 5000 साल पुराना है। वर्तमान मंदिर 11वीं 12वीं शताब्दी का माना जाता है ।मंदिर के गर्भ गृह में देवी रुक्मणी की मूर्ति है । यह द्वारकाधीश मंदिर से लगभग 3 किलोमीटर दूर स्थित है । मंदिर का बाह्य भाग ,शिखर देवी देवताओं की भव्य मूर्तियां से अलंकृत है । मंदिर के पैनलों पर नक्काशी की गई है। मानव आकृतियां एवं हाथी दर्शाएं गए हैं। इस मंदिर में जल दान (दान चढ़ाने )की प्रथा है , इसके लिए भक्तों से आग्रह भी किया जाता है ।
इसके पीछे एक किंवदंती है, कहा जाता है कि एक बार दुर्वासा ऋषि ने रुक्मणी जी एवं भगवान श्री कृष्ण से उनके निवास स्थान देखने की इच्छा प्रकट की । दुर्वासा ऋषि के रथ को रुक्मणी जी एवं श्री कृष्ण जी खींच रहे थे। रास्ते में रुक्मणी जी को प्यास लगी । श्री कृष्ण ने अपने पैर के अंगूठे से गंगा की धारा प्रवाहित की । रुक्मणी जी ने जल ग्रहण किया । दुर्वासा ऋषि नाराज हो गए कहा कि मेरे को जल ग्रहण करने का निवेदन नहीं किया , इस लिए में रुक्मणी जी को श्राप देता हूं वह और श्री कृष्ण दोनों अलग रहेंगे।


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