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साबरमती आश्रम अहमदाबाद

  • लेखक की तस्वीर: Shashi Prabha
    Shashi Prabha
  • 31 मार्च 2024
  • 1 मिनट पठन

अपडेट करने की तारीख: 6 अप्रैल 2024

 यह अहमदाबाद में साबरमती नदी के तट पर स्थित है । साबरमती आश्रम की स्थापना 1917 ईस्वी में राष्ट्र पिता महात्मा गांधी द्वारा हुई थी । इस आश्रम में चरखा , खादी , ग्रामोद्योग द्वारा भारत की आम जनता की आर्थिक स्थिति सुधारने के प्रयोग हुए। 


देश के आंदोलन के सत्य, अहिंसा की भागीदारी की स्क्रिप्ट इस आश्रम में ही लिखी गई थी । विनोबा भावे ,मीराबेन की कुटीर का साक्षी भी आश्रम रहा है ।मां कस्तूरबा एवं गांधी जी का निवास स्थान भी साबरमती आश्रम रहा है । साबरमती आश्रम मां कस्तूरबा एवं गांधी जी का निवास स्थान भी रहा है । मां कस्तूरबा की रसोई घर भी इसमें है रसोई में काम आने वाले चूल्हे एवं बर्तनों को देखा जा सकता है ।


यह आश्रम भारतीय जनता एवं भारतीय नेताओं का प्रेरणा स्रोत का केंद्र था । साबरमती आश्रम के शिष्यों द्वारा ही महात्मा गांधी को बापू नाम दिया गया है । महात्मा गांधी के निवास स्थान को 'हृदय कुंज 'कहा जाता है ।

 इसी आश्रम से महात्मा गांधी ने अहमदाबाद की मिलों की हड़ताल का संचालन किया । यहीं से दांडी मार्च यात्रा शुरू हुई ।


यहीं से वायसराय को 2 मार्च 1930 ई को पत्र लिखकर सूचित किया गया कि वह 9 दिनों में सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू करने जा रहे हैं । आश्रम में सभी भवनों की छत खपरैल से बनी हुई है । स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद आश्रम के रखरखाव की ओर विशेष ध्यान नहीं दिया गया है, लेकिन वर्तमान केंद्र सरकार के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने इसके जीर्णोद्धार की घोषणा की है । 


फोटोग्राफी की अनुमति है अतः इधर खूब फोटो लिए गए।








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